कश्यप की स्त्रियां
- अदिति
- अंश
- धाता
- भव
- त्वष्टा
- मित्र
- वरुण
- अर्यमा
- विवस्वान
- सविता
- पूषा
- अंशुमान
- विष्णु - ये सहस्त्र किरणों वाले बारह आदित्य हैं
- सुरभि
- अजैकपाद
- अहिर्बुधन्य
- विरुपाक्ष
- रेवत
- हर
- बहुरूप
- त्र्यम्बक
- सवित्र
- जयन्त
- पिनाकी
- अपराजित - ये ग्यारह रुद्रगण हैं, जो असंख्य रुद्रगणों के स्वामी हैं
- दिति
- हिरण्यकश्यिपु
- प्रह्लाद
- गवेष्ठि
- कालनेमि
- जम्भ
- बल्वल
- शम्भु
- धेनुक, शोमलोमा
- विरोचन
- बलि
- अनुह्लाद
- निवातकवच नामक दैत्य(लगभग ३ करोड़, सभी अर्जुन द्वारा मारे गए)
- ह्लाद
- मूक (अर्जुन द्वारा किरात प्रदेश में मारा गया)
- ह्लद
- सुन्द
- मारीच (ताड़का से, दण्डकारण्य में श्रीराम द्वारा मारा गया)
- उपसुन्द
- हिरण्याक्ष
- अन्धक
- शकुनि
- कालनाभ
- महानाभ
- भूतसन्तापन (सभी तारकामय संग्राम में मारे गए)
धर्म की स्त्रियां
- मरुत्वती
- मरुत्वान
- जामी
- नागवीथी (कन्या)
- वसु
- आप
- देव
- भ्रम
- शांत
- ध्वनि
- ध्रुव
- काल
- सोम
- वर्चा
- बुध
- वर
- हुत
- हव्यवह
- द्रविण
- अनल
- अग्नि के समान गुण वाले कई पुत्र
- अनिल
- मनोजव
- अविज्ञातगति
- प्रत्युष
- देवल
- प्रभास - ब्रह्मवादिनी (बृहस्पति की बहन और प्रभास की पत्नी हुई)
- विश्वकर्मा (शिल्पकार)
- लंबा
- घोष
- भानु
- भानु
- अरुंधति
- पृथ्वी पर होने वाले समस्त प्राणी
- संकल्पा
- संकल्प
- मुहूर्ता
- मुहूर्त
- साध्य (साध्य/तुषित देवता)
- मन
- अनुमन्ता
- प्राण
- नर
- पान
- नेमि
- यम
- नृप
- हंस
- नारायण
- विभु
- प्रभु
- विश्वा
- विश्वेदेव
*as described in संक्षिप्त स्कन्द पुराण, गीता प्रेस, गोरखपुर
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