Sunday, July 27, 2014

'अहम्' और 'अहं' में अंतर (Difference in writing 'अहम्' and 'अहं' )

क्या आपने कभी सोचा है कि 'अहम्' कभी
'अहम्' लिखा जाता है और कभी 'अहं' ?
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'संस्कृत' का अर्थ है व्यवस्थित | दी गयी तालिका पर गौर कीजिये, आपको समझ में आने लगेगा कि यह कितनी व्यवस्थित भाषा है | यह बेहद परिपूर्ण तरीके से अनुनासिक शब्दों को उच्चारित करने के संकेत दिखाता है |

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लेखन

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शंकर X
शङ्कर √

इसको लिखने की तरकीब है, शब्द के अनुनासिक उच्चारण के ठीक बाद वाले अक्षर को देखना और लिखे जाने वाले अनुनासिक अक्षर का पता लगाना | याद रखने वाली बात है कि केवल 'म् ' को ही अनुस्वार कि तरह प्रयोग होने का अधिकार है (अनुस्वार - किसी अक्षर के ऊपर लगने वाली बिंदी ) |

उदाहरण:
पंच X
पञ्च √

कंठ X
कण्ठ √

दंत X
दन्त √

चंपा X
चम्पा √

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उच्चारण
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संस्कृत पानी कि तरह है | यह बहती है | इसीलिए 'म्' उच्चारण के समय अपने आपको अगले शब्द के साथ समाहित कर लेता है |
उदाहरण :

"अहं तारा" में बिंदु को 'न' उच्चारित किया जाता है, जिससे वह अगले अक्षर 'त' के साथ आसानी से उच्चारित होता है, क्योंकि 'न', 'त' वर्ग से सम्बंधित है |
इसका सही उच्चारण होगा "अहन तारा" न कि "अहम् तारा" |

"अहं कान्ता" का सही उच्चारण होगा "अहङ् कान्ता" | यहाँ 'म्' का उच्चारण 'ङ्' की तरह होगा |

इसी तरह

"अहं टीपू सुलतान" का सही उच्चारण होगा "अहण टीपू सुल्तान" |


 

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